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मूर्ति पर पड़ी बीट साफ करते हुए उस नौजवान ने बताया कि जिस ठेका कंपनी के जरिये वह सफाई के काम में लगा है, उसने उसका प्रॉविडेंट फंड तीन साल से जमा नहीं करवाया है। ‘इन तीन सालों में मैं गांधी, अंबेडकर, तिलक, नेहरू, पटेल समेत कई लोकल नायकों की मूर्तियां प्रोग्रामों के पहले साफ […]

पिछले हफ्ते तीन अद्भुत घटनाएं एक साथ घटीं। शाहरुख खान ने गिनती के शो में अपनी नई फूहड़ फिल्म से सौ करोड़ कमा लिए और दावा है कि इस महान फिल्म पर जया बच्चन की विपरीत टिप्पणी से खान साहब नाराज हैं। एक हमारे आदरणीय भारत रत्न, भगवान सचिन तेंदुलकर ने करोड़ों प्रशंसकों को अपनी […]

कवि मार्गदर्शक मंडलों के दौर में पार्टियों से परेशान हो गया है। उसने अपने सुझाव तैयार किए हैं और मुख्यालयों में घूम रहा है। देश विचित्र समस्याओं से गुजर रहा है। महाराष्ट्र में सब कुछ जानते हुए भी शिवसेना की आत्मा भटक रही है। कम्युनिस्ट पार्टी में सब कुछ जानते हुए भी कुछ कर डालने […]

कांग्रेस के पास अद्भुत क्षमताएं हैं। रविवार को जब नतीजे आ रहे थे, तो रीता बहुगुणा लतीफों का सैद्धांतिक अनवारण कर रही थीं। उनका सुविचार था कि हरियाणा में जो भाजपा के नाम पर जीतकर आए हैं, उनमें से कई इस वजह से जीतकर आए हैं कि वे मूल रूप से कांग्रेस के हैं। एक […]

अच्छे कामों की भी कोई जात होती है? बुरे कामों का संप्रदाय-धर्म होता है कि नहीं, यह तो वे बताते रहते हैं, जो धार्मिक आतंकवाद का वैश्विक सांगठनिक उद्घोष करते हैं। अभी जब कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को एक साथ शांति का नोबेल दिया गया, तो पार्श्व संगीत कुछ इस तरह का बजाया गया […]

भागवत अद्भुत परंपरा का हिस्सा रही है। इसके पारायण ने कई प्रवचनकारों की जिंदगी बना दी। कुछ सचमुच के संत थे और कुछ दक्षिणा-प्रेमी कुसंत। श्रद्धालुओं ने समान भाव से सबकी भागवत सुनी और भागवत ने सबको नहलाया। अभी दूरदर्शन पर एक अन्य भागवत हुई। यह सरकारी चैनल है। इसका धर्म और धंधा एक ही […]

हिंदी के कवि ने मुहल्ले के नल पर पानी भरती लड़कियों पर एक कविता लिखी। फिर उसे छपवाकर मंडली में काफी वाहवाही पाई। उसकी अब इच्छा थी कि नल पर ही उसका सम्मान हो। पर जब वह सम्मान-स्थल पर पहुंचा, तो न लड़कियां आईं, न नल चला, सिर्फ फिक्स मंडली जो चाय-समोसे के प्रेमी थे, […]

समझदार बंदरों के साथ सबसे बड़ी मुसीबत है कि उन्हें आदमी समझ लिया जाता है। उनसे उम्मीद की जाती है कि वे आदमियों की बनाई जिंदगी के हिस्से बनें और जब-जब जरूरत हो, बंदर भी बने रहें। चूंकि बंदर इंसानी अदालतें नहीं चलाते इसलिए उनके यहां कॉपीराइट, तलाक, धोखाधड़ी आदि-आदि के मामले में भी कोई […]

कुछ मित्र पत्रकारों का मानना है कि इन दिनों अघोषित तौर पर इमर्जेंसी लगी हुई है। मंत्री और अफसर काम के सिलसिले में इतने ‘टाइट’ हैं कि वे भीतर की खबरें और मसाला उपलब्ध कराने से डरते हैं। खबरों का कारोबार ठप पड़ा है। ऊपर से प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्राओं में जो टोली लेकर जाया […]

घीसू का जीवन एक खुली किताब है। हालांकि इस बात का न उसे पता है, न उसने जीवन और किताब के बीच इस किस्म के मुहावरे की पैदाइश पर कभी गौर किया। वह बस जीवन को जीवन की तरह समझने की कोशिश करता रहा। उसे कल तक पता नहीं चला था कि उसका कोई जीवन […]